किसी की भी कमजोरी का चिंतन करना अर्थात उस कमजोरी का अपने जीवन में आवाह्न करना | हमारी सोच हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है | इसलिए सोचने से पहले सोचिये |
सिर्फ एक बात याद रखो मै और मेरा बाबा फिर हमारी जीत निश्चित है। ... यदि हम अच्छाई पर अडिग रहे , क्योंकि अच्छाई शक्ति है और बुराई कमजोरी। ..... तभी सच्चा अकेला चलता है और झूठ को समूह की आवश्यकता पड़ती है |
साली अपने जीजा से : प्यार कब होता है ?] जीजा : प्यार तब होता है जब राहू केतु, और शनि की दशा खराब हो, आपका मंगल कमजोर हो, और भगवान् मजे लेने के मूड में हों |
क्रोध और गुस्सा इन्सान को, तभी आता है जब वह अपने आपको, कमजोर और हारा हुआ मान लेता है I BK SHIVANI
ये कभी मत सोचना की जो , तेज बोलते है वे शक्तिशाली ही हो , और जो धीमे बोलते हो , वे कमजोर हो I Amitabh Bachchan
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.